ग्राम सभा पंचायती राज की आधारभूत इकाई है. ग्राम के सभी वयस्क व्यक्ति ग्राम सभा के सदस्य होते है.
पंचायत के हर ग्राम की ग्राम सभा होती है.
प्रदेश सरकार ने पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम में ग्राम सभा की बैठक के लिए चार बैठकें तय की है जोकि
जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में आयोजित की जाना होती हैं.
इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त बैठक भी बुलाई जा सकती है. बैठक का का स्थान, तारीख,
समय और क्या-क्या कामकाज होगा, चर्चा के क्या विषय होंगे की जानकारी की सूचना सभी ग्राम सभा के सदस्यों को 7
दिन पहले देना आवश्यक है.
ग्राम सभा की वार्षिक बैठक भी आयोजित की जाती है जोकि वित्तीय वर्ष खत्म होने के कम से कम 3
महीने पहले बुलाई जाती है. जिला प्रशासन द्वारा ग्राम सभा की बैठकों के समुचित इंतजाम के लिए एक शासकीय
अधिकारी या कर्मचारी को नियुक्त किया जाता है.
ग्राम सभा की बैठक में पंचायत द्वारा किए गए कामकाज एवं आय-व्यय की समीक्षा की जाती है,
नए प्रस्तावित कार्यक्रम एवं गतिविधियों तथा जनपद या जिला पंचायत द्वारा पंचायत को सौंपे गए कार्यों पर विचार किया
जाता है. बैठकों में पंचायत के पिछले वित्तीय वर्ष की अंतिम ऑडिट रिपोर्ट पर भी विचार किया जाता है एवं अगले वर्ष
के लिए सालाना बजट तथा कार्य योजना पर भी विचार किया जाता है.
मध्य प्रदेश पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1994 के विभिन्न प्रावधानों के अनुसार पंचायतों के साथ ग्राम सभा को अपने फैसले
लेकर उन्हें क्रियान्वित करने की शक्ति दी गई है. पंचायत प्रतिनिधि मिलकर ग्राम विकास एवं सामाजिक न्याय के विषयों पर जितने अच्छे
निर्णय लेकर उन्हें क्रियान्वित करेगे उसके परिणाम भी उतने ही अच्छे प्राप्त होगें.
पञ्च परमेश्वर एप्प का उपयोग कर पंचायत के निवासी अपनी पंचायत / ग्राम सभा की बैठकों की सूचना, लिए गए निर्णयों की
जानकारी कोको ऑनलाइन अपने घर बैठे कभी भी ( 24X7) देख कर पंचायत के सर्वागीण विकास में सहभागिता कर सकते है.
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के सर्वागीण विकास में सहभागिता कर सकते है.
ग्राम सभा के दायित्व एवं कार्य प्रणाली के बारे में
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